बदल गया था वो आँगन किसी और के घर में , पर फिर भी याद आ गयी बचपन की उस जमीन पर खड़े ह बदल गया था वो आँगन किसी और के घर में , पर फिर भी याद आ गयी बचपन की उस ज...
अनुपम अद्भुत भारत देश, अखंड विश्व में है सर्वेश। बुद्ध, महावीर के उपदेश, देते हैं अन अनुपम अद्भुत भारत देश, अखंड विश्व में है सर्वेश। बुद्ध, महावीर के उपदेश, ...
जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।। जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।।
ये जीवन तन और मन कि हमेशा से तू मेरी और तुम्हारे हुए हम! ये जीवन तन और मन कि हमेशा से तू मेरी और तुम्हारे हुए हम!
कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास कवि: मिखाईल लेरमेंतोव अनुवाद: आ.चारुमति रामदास
गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल। गहे तुम्हारी शरण जो, करते उसे निहाल।